शाम को ऑफिस से घर पारी लेकर आना
अलग अलग स्टाइल में आपसे फोटो खिचवाना
आपके स्कूटर पे हमें घुमाना
चश्मा लगाकर श्रीदेवी कहलाना
दिवाली पे भाई को पटाखे दिलवाना
आम के मौसम में आम काटके खिलाना
होली पे रंग और पिचकारी दिलवाना
शाम कोको आपके पैसे से पॉकेट भरवाना
हर लम्हे पे आपका साथ आना
पहले स्कूल और फॉर कॉलेज लेकर जाना
पेपर्स के दौरान हौंसला बढ़ाना
छुट्टियों पे घर पे नाचना और गाना
किसी खाने की चीज़ पे कभी मुस्काॅना और कभी मुँह चढ़ाना
अपनी पकाई चीज़ की तारीफ़ करना और करवाना
बैठे बैठे सो जाना और नींद में बतियाना
दिन भर पानी और चाय की ख्वाइश जताना
हर किसी महफ़िल में गाने सुनाना
जीना अपनी शर्तों पे, हर शौक आज़माना
हर किसी का अच्छा चाहना
दिल खोल के सबको दावतें खिलाना
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